इटावा जिला उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है और यहां पर घूमने के लिए बहुत सारी ऐतिहासिक, प्राकृतिक जगह मौजूद हैं तो आइए जानते हैं कि इटावा में घूमने की जगह (Etawah me Ghumne ki Jagah) कौन सी है।
इटावा में घूमने के लिए खूबसूरत दर्शनीय स्थल-(Etawah me Ghumne ki Jagah):
- इटावा सफारी पार्क
- श्री नीलकंठ मंदिर
- काली बांह मंदिर
- राजा सुमेर सिंह का किला
- टिक्सी मंदिर
- काली भवन मंदिर
- श्री पिलुआ महावीर मंदिर
- पचनदा संगम
- कचौरा घाट
- इटावा जंक्शन रेलवे स्टेशन
1.इटावा सफारी पार्क:
यह पार्क इटावा जिले का मुख्य पर्यटक स्थल है आपको बता दें कि इस पार्क का क्षेत्रफल 350 सेक्टर में फैला हुआ और यहां के सबसे बड़े सफारी पार्कों में से एक है। इस पार्क में आपको बहुत सारी एनिमल्स की प्रजातियां देखने को मिलती हैं।
यह पार्क इटावा शहर के भेड़ राजमार्ग में स्थित है और पार्क को काफी अच्छे तरीके से बनाया गया हैं। इटावा सफारी पार्क का निर्माण मई 2012 में शुरू हुआ था यह उस समय UP के मुख्य मंत्री अखिलेख यादव का ड्रीम था।
2.श्री नीलकंठ मंदिर:
यह मंदिर इटावा शहर का मुख्य धार्मिक स्थल है और यह इटावा शहर में काफी प्रसिद्ध है। इस मंदिर के दर्शन करने के लिए काफी दूर- दूर से सैलानी आते हैं। यह मंदिर इटावा जिले के लालपुर में स्थित है इस मंदिर में आपको भगवान शिव जी के दर्शन करने को मिलते हैं।
इसके अलावा इस मंदिर में भगवान श्री राम जी, माता सीता जी और लक्ष्मण जी के दर्शन करने को भी मिलते हैं।
3.काली बांह मंदिर:
यह मंदिर इटावा शहर का प्रमुख धार्मिक स्थल है इस मंदिर को भेहड़ वाली मैया के नाम से भी जाना जाता है और यह मंदिर इटावा में काफी ज्यादा मशहूर हैं। इस मंदिर में काली बांह माता जी के दर्शन करने के लिए हर साल हजारों वा लाखो की संख्या में श्रद्धालु यहां आते है।
लोगो के अनुसार यह मंदिर एक शक्तिपीठ है। यहां पर पार्वती माता जी की बांह गिरी थी इस लिए इसे काली बांह मंदिर के नाम से जाना जाता है।
4.राजा सुमेर सिंह का किला:
यह किला इटावा शहर का प्रमुख दर्शनीय स्थल है जो की देखने में काफी ज्यादा सुंदर है। यह किला अपनी सुंदरता की वजह से काफी सारे पर्यटक को अपनी ओर आकर्षित करता है। यह किला इटावा शहर में ऊंचे टीले पर स्थित है और इस विश्राम गृह के रूप में परिवर्तित कर दिया गया है।
यहां पर आम लोग नही जा सकते है। राजा सुमेर का यह किला इटावा शहर में यमुना नदी के किनारे बना हुआ है। यह किला लगभग 1540 गज में फैला हुआ है।
5.टिक्सी मंदिर:
इटावा शहर का टिक्सी मंदिर इस शहर के सांस्कृतिक धरोवर में से एक है इस मंदिर में शिवलिंग स्थापित है। इस मंदिर का निर्माण सन 1780 ई में पूरा हो गया था और तभी से यह मंदिर श्रद्धालुओं की आशा का केंद्र बना हुआ है।
यह मंदिर इटावा शहर में इटावा ग्वालियर के मार्ग पर स्थित है और इस प्राचीन स्मारक में बनाया गया हैं। पहले के समय में इस मंदिर की जगह पर जंगल हुआ करता था तब वशुष्टि मुनी ने यहां पर भगवान शिव जी की शिवलिंग की स्थापना की थी।
6.काली भवन मंदिर:
ये मंदिर इटावा शहर का काफी पुराना मंदिर है और लोगो का कहना है कि जो व्यक्ति सच्चे मन से माता रानी का आशीर्वाद लेता है तो उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती हैं। काली भवन मंदिर यमुना नदी के पास में स्थित है नवरात्रि के समय में यहां काफी ज्यादा श्रद्धालुओं की भीड़ होती हैं।
इस मंदिर के सामने एक बाबा भैरवनाथ जी का मंदिर स्थित है और इस मंदिर के पुजारी का कहना है कि किसी ने माता रानी के दर्शन करने के बाद बाबा भैरवनाथ जी के दर्शन किए बिना वह चला जाता है तो उसकी यात्रा अधूरी रह जायेगी।
7.श्री पिलुआ महावीर मंदिर:
यह मंदिर इटावा शहर में बहुत ही अधिक प्रसिद्ध है और यहां पर काफी सारे श्रद्धालुओं की भीड़ लगती हैं। यह मंदिर इटावा शहर के लालापुर क्षेत्र में स्थित है इटावा शहर में हनुमान जी के बहुत ही कम ऐसे मंदिर है जहां पर इतनी भीड़ होती हो।
यहां ऐसा माना जाता है कि श्री हनुमान जी लडडू खाते हैं और इनके मुंह से भगवान श्री राम जी की आवाज सुनाई देती हैं इस मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति लेटे हुए हैं।
8.पचनदा संगम:
पांच नदियों का यह संगम उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के मुख्यालय से 70 किमी की दूरी पर विथौली गांव में स्थित है जहां पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान राज्य से लाखो की तादाद में श्रद्धालुओं की भीड़ लगती है।
सारे विश्व में इटावा का पचनदी ऐसा स्थल है जहां पर पांच नदियों का संगम है। ये नदिया यमुना, चंबल, कावेरी, सिद्धू और ताबूच पांच नदियों का स्थल महाभारत कालीन के संविधान से जुड़ा हुआ है।
9.कचौरा घाट:
कचौरा घाट इटावा शहर का एक गांव है जो की इटावा शहर की सीमा पर स्थित है। कचौरा घाट में आपको एक प्राचीन किला देखने को मिलता है इस किले के भग्नाशेष देखे जा सकते हैं। कचौरा घाट में सती मां का मंदिर बना हुआ है जो की काफी पुराना मंदिर है।
इस मंदिर में भगवान शिव जी का शिवलिंग विराजमान है जिस के दर्शन करने के लिए आप यहां जा सकते हैं। यदि आप इटावा में घूमने की जगह को घूमने के लिए आते है तो आप यहां पर जरूर जाएं।
10.इटावा जंक्शन रेलवे स्टेशन:
इटावा जंक्शन रेलवे स्टेशन दिल्ली हावड़ा लाइन के सभी मुख्य स्टेशन में से एक हैं यह कानपुर सेंटर से 139 किमी की दूरी पर है। सन 2015 में इटावा भिंड ग्वालियर और इटावा में पूरी रेलवे लाइन पूरा होने के बाद इटावा का एक जसन मना दिया गया।
इस मार्ग पर पहली यात्रा ट्रेन 27 फरवरी 2016 को शुरू की गई थी वहीं इटावा में पूरी रेलवे लाइन भी 2017 में चालू हो गई थी। इटावा में एक दूसरी लाइन आगरा की ओर जाती है जो की 2016 में शुरू की गई थी। यह एक आधुनिक रेलवे स्टेशन है।
इटावा में जाने का सही समय:
वैसे तो आप इटावा में किसी भी समय में घूमने के लिए जा सकते हैं लेकिन यहां जाने का सबसे अच्छा समय सर्दियों का मौसम यानी अक्टूबर के महीने से मार्च तक के महीने तक रहता है। इस महीनों में आप किसी भी समय इटावा में घूमने के लिए जा सकते हैं।
लेकिन यदि आप गर्मियों के मौसम में घूमने यानी अप्रैल के महीने से जुलाई तक के महीने तक रहता है यदि आप इस समय इटावा में घूमने जाते है तो आपको काफी सारी परेशानी हो सकती है। इस लिए आप गर्मियों में इटावा में जाने के लिए अवॉइड करें।
इटावा में सबसे फेमस क्या है?:
इटावा की सबसे फेमस वा दर्शनीय स्थल राजा सुमेर सिंह का किला, भारेश्वर महादेव मंदिर, कचौरा घाट और इटावा सफारी पार्क ये सभी जगहें इटावा में काफी ज्यादा प्रसिद्ध जगह है। यदि आप ऐसी ही और भी जगह के बारे में जानना चाहते हैं।
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इटावा का प्रसिद्ध व्यंजन क्या है?
इटावा का सबसे प्रसिद्ध व्यंजन देसी घी में डूबी हुई आटे की बाटी और इसके अलावा बैंगन आलू का चोखा काफी प्रसिद्ध व्यंजन है। यदि आप इटावा को जाते है तो आप यहां पर इस व्यंजन को खाना बिल्कुल भी ना भूलें।
वैसे तो यह व्यंजन बिहारी और राजस्थानी का काफी प्रसिद्ध व्यंजन है लेकिन इसे इटावा के लोग भी बड़े ही चाव के साथ खाते है।
इटावा में घूमने का कुल खर्चा:
दोस्तो यदि आप इटावा में 2 से 3 दिन का स्टे करने का प्लान बनाते हैं तो पर पर्सन का खर्चा लगभग ₹2000 से ₹3000 हजार रुपए तक का हो सकता है। लेकिन यदि आप इटावा में घूमने के लिए 3 से 4 लोग जाते है तो इस हिसाब से कुल खर्चा लगभग ₹10000 से लेकर ₹12000 तक हो सकता है।
निष्कर्ष:
दोस्तो आज के इस आर्टिकल में इटावा में घूमने की जगह के बारे में यह जाना है की इटावा में सबसे प्रसिद्ध वा सुंदर जगह घूमने के लिए कौन सी है इसके साथ आप इस आर्टिकल में यह भी जानेंगे की इटावा में जाने का सही समय, इटावा में सबसे फेमस क्या है और यहां का सबसे प्रसिद्ध व्यंजन क्या है।
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FAQ:
Quest.1. इटावा का दूसरा नाम क्या है?
Ans.आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश राज्य के यमुना नदी के तट पर स्थित इटावा शहर का दूसरा नाम ईष्टिकापुरी है।
Quest.2 इटावा में कौन सी नदी बहती हैं?
Ans.जानकारी के लिए आपको बता दें कि इटावा शहर में यमुना नदी बहती हैं और इसी नदी के तट पर यह शहर स्थित है।
Quest.3 इटावा में घूमने के लिए कितने दिन का स्टे बनाएं?
Ans.दोस्तो यदि आप इटावा में सभी प्रसिद्ध वा सुंदर जगह को घूमना चाहते हैं तो आप कम से कम इटावा में 2 से 3 दिन का स्टे जरूर बनाएं।